Makar Sankranti Shubh Muhurat

मकर संक्रान्ति शुभ मुहूर्त 2022

सूर्य एक साल में 12 राशियों का भ्रमण करता है। हर महीने सूर्य का दूसरी राशि में परिवर्तन होता है। यह राशि परिवर्तन संक्रान्ति कहलाता है। इस तरह सूर्य की क्रमश मेष संक्रान्ति, वृष संक्रान्ति, मिथुन संक्रान्ति तथा अंत में मीन संक्रान्ति होती है। इसी तरह जब सूर्य मकर राशि में आता है वह मकर संक्रान्ति कहलाती है।  दूसरी सभी संक्रांतियां इतनी महत्वपूर्ण नहीं होती जितनी ये मकर संक्रान्ति होती है क्योकि सूर्य इस दिन उत्तरायण होता है। मकर संक्रान्ति को उत्तरायण संक्रान्ति, पौष संक्रान्ति, या माघी संक्रान्ति भी कहा जाता है।  ये ज़्यादातर या यूँ कहे को तकरीबन 99% 14 जनवरी को मनाई जाती है, पर कभी कभी कई सालो में 15 जनवरी को मनाई जाती है। अलग अलग राज्यों में यह उत्सव अलग अलग  तरीको से मनाया जाता है।

सूर्य की मकर संक्रान्ति से मिथुन संक्राति तक की स्थिति उत्तरायण कहलाती है तथा कर्क राशि से धनु राशि तक सूर्य की स्थिति दक्षिणायन कहलाती है।  सूर्य की उत्तरायण स्थिति सबसे शुभ मानी जाती है।  यदि व्यक्ति का जन्म या मृत्यु उत्तरायण में होती है तो वह शुभ कहलाती है। महाभारत के अहम पात्र भीष्मपितामह को इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था।  महाभारत के भीषण युद्ध की समाप्ति के बाद जब श्री कृष्ण और पाँचो पांडव उनके अंतिम छणो में जब उनसे मिलने पहुंचे और पितामह ने अपने प्राणत्यागे तब उन्होंने सूर्य के उत्तरायण स्थिति में पहुंचने का इंतज़ार किया था हलाकि वो बाणौ की शैया पर थे और असीम पीड़ा सहन कर रहे थे। 

ये पर्व सूर्य देवता को समर्पित है। इस विशेष दिन पर तीर्थ यात्रा करना, तीर्थ स्नान करना, दान-दक्षिणा, उपवास करना तथा अनुष्ठान करने का विशेष महत्व होता है। हरिद्वार, काशी, वाराणसी तथा प्रयागराज संगम, इन स्थानो पर खासा भीड़ होती है। इन जगहों की पवित्र नदियों में स्नान करने के हेतु भ्रममुहूर्त में ही लोगो के पदार्पण आरम्भ हो जाता है। 

इस दिन में दान का अपना बहुत ज़्यादा महत्व होता है। सनातन धर्म के अनुसार मकर संक्रान्ति के दिन में किया गया दान कई  गुना फल प्रदान करता है।  दान की वस्तुओ में खिचड़ी, मीठा, चावल, गुड़, तिल, वस्त्र, गरम कम्बल, ऊनि वस्त्र आदि दान किये जाते है।  इस दिन कई जगहों पर बच्चे और बड़े मिल कर पतंग उड़ाते है। हिन्दुओ में इस दिन बहिन-बेटी के घर श्रद्धानुसार दान देने का भी प्रचलन है। माता पिता अपनी बहिन और बेटी के घर श्रद्धानुसार सामान भेजते है।

मकर संक्रान्ति से मौसम में परिवर्तन शुरू हो जाता है। मकर संक्रान्ति से दिन बड़े और रात छोटी होनी शुरू हो जाती है। अंत में मकर संक्रान्ति के दौरान कोई भी पुण्य कार्य तथा दान-धर्म अधिक फलदायी माना जाता है।      

इस वर्ष 2022 में सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी, शुक्रवार के दिन दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर प्रवेश कर रहा है, इसलिए इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही मनाई जाएगी तथा संक्रांति पर्व सूर्योदय से सूर्यास्त तक मनाया जायगा।  इस दिन को किसी पवित्र नदी में जाकर भोर में ही स्नान करें और अगर ये संभव न हो तो सवेरे घर में ही पानी में कुछ बूँद गंगाजल मिलकार स्नान करें और सूर्य भगवान् की पूजा-अर्चना करें।  दान-दक्षिणा करें, गाय को हरा चारा खिलाये, ज़रूरत मंदो को नए कपडे, तील, लडू, मीठा अथवा पैसे आदि का दान करें तथा संक्रान्ति के इस पर्व को मनाये।                     

Wishing you all a very Happy and Prosperous Makar Sankranti from International School of Astrology.

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